प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया पर प्रकाशित व प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर रखेगी नजर : कलेक्टर
जशपुरनगर । कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकार डॉ रवि मित्तल ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक ली। विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए मतदान समय अधिसूचित करने सहित समस्त प्रचार-प्रसार में उपयोगी आवश्यक सामग्री पर किये जाने वाले व्ययों का मानक दर निर्धारण करने संबंधी चर्चा की गई। कलेक्टर ने कहा कि आदर्श आचरण संहिता के लागू होते ही संपत्ति विरूपण का कार्य किया जाएगा। प्रथम 24 घंटे में सभी शासकीय संपत्तियों में से विरूपण हटाया जाएगा। प्रथम 48 घंटे में सभी सार्वजनिक संपत्तियों से विरूपण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। प्रथम 72 घंटे में सभी निजी संपत्तियों से विरूपण हटाया जाएगा। आदर्श आचरण संहिता लागू होते ही 24 ग् 7 कंट्रोल रूम प्रारंभ किया जाएगा। मीडिया सेंटर का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया व सोशल मीडिया पर प्रकाशित व प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर नजर रखेगी। राजनीतिक दल व निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों को टेलीविजन चौनल या केबल नेटवर्क पर विज्ञापन जारी करने के पहले निर्वाचन आयोग की और से अधिकृत अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित व प्रसारित करने के पूर्व जिला स्तरीय समिति से प्रमाणन कराना जरूरी होगा।
निर्वाचन के दौरान भ्रामक व अनर्गल प्रचार-प्रसार तथा जाति-धर्म के आधार पर प्रकाशन नहीं होना चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पहले बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेगा। आदर्श आचार संहित घोषणा के बाद मीडिया सेंटर सक्रियतापूर्वक कार्य करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के संबंध में जानकारी दी। सोशल मीडिया में संदेश, टिप्पणी, फोटो, वीडियो, ब्लाग या सेल्फ एकाउंट, वेबसाईट पर अधिप्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय कंटेंट, इंटरनेट कंपनी को भुगतान चुनाव व्यय में सम्मिलित होगा। ई-पेपर पर राजनीतिक विज्ञापन का अधिप्रमाणन आवश्यक है।
आयोग के आदेशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी, चौनल, केबल के साथ रेडियो, एफएम, चौनल, सिनेमाघरों में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। सोशल मीडिया में शांति भंग करने, सामाजिक सौहार्द्र बिगाडऩे, देश के संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला कटेन्ट नहीं होना चाहिए। इस दौरान मीडिया प्रमाणन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय व निर्वाचन आयोग के निर्देश, प्रमाणन के आधार, समिति का अधिकार क्षेत्र, मीडिया प्रमाणन की आवश्यकता, मीडिया निगरानी, पेड न्यूज, फेक न्यूज सहित अन्य विषय पर जानकारी दी गई।
इस अवसर उप निर्वाचन जिला अधिकारी आर पी चौहान, कांग्रेस से अजय गुप्ता, मनमोहन भगत, शस्त्रांशु पाठक, भाजपा से संतोष सिंह, संजीव ओझा,बहुजन समाज पार्टी से मसीस कुमार रोशन, सीपीआईएम से मो. अरशद आलम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, निर्वाचन कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।