छत्तीसगढ़

अपने ज्ञान का उपयोग मानवता के लाभ के लिए करें : राज्यपाल

रायपुर । राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन (Governor Vishwabhushan Harichandan) आज एमिटी विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने विद्यार्थियों से समाज व समग्र मानवता के लाभ के लिए अपने ज्ञान का पूर्ण उपयोग करने हेतु संकल्प लेने का आहृवान किया। उन्होंने कहा कि समाज के गरीब व वंचित लोगों के लिए विद्यार्थियो को काम करना है।

पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिचंदन (Governor Vishwabhushan Harichandan) ने 22 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 16 को रजत पदक और 5 को कांस्य पदक प्रदान किए। समारोह में वर्ष 2023 बैच के 681 विद्याार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधियां वितरित की र्गइं। विश्वविद्यालय द्वारा डीएआरई के सचिव और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने की।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का यह दिन विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण चरण है। सभी ने अपने विषयों में ज्ञान प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि डिग्रियों से अधिक, जो ज्ञान और मूल्य यहां हासिल किया है वह पूरे जीवन में उनका मार्गदर्शन करेगा। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है। आज दुनिया की नजरों में भारत के प्रति धारणा उल्लेखनीय रूप से बदल गई है, कई देशों के साथ आपसी सहयोग के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण सामने आया है। इस देश के युवा के रूप में हमारी अर्थव्यवस्था के विकास और राष्ट्र के समग्र विकास के अग्रदूत बनने जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि जीवन के हर विषय में मूल्य-आधारित शिक्षा, रचनात्मकता, नवाचार, अनुसंधान और विकास के माध्यम से ही हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और गरीबी, बीमारियों, बेरोजगारी, भूख और पर्यावरणीय चुनौतियों सहित कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

राज्यपाल (Governor Vishwabhushan Harichandan) ने कहा कि यह गर्व विषय है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में जगह बनाने के लिए लगातार प्रयास किए। शैक्षणिक पाठ्यक्रम गतिशील होना चाहिए, यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के बराबर होना चाहिए और उद्योग-केंद्रित और अनुसंधान उन्मुख होना चाहिए। सरकार ने वित्तपोषण और उद्यमिता तथा नौकरी सृजन को बढ़ावा देने के लिए ‘स्टार्ट-अप इंडिया‘ अभियान शुरू किया है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से उद्यमी बनने का आग्रह किया।

उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने अपने संबोधन में विद्यार्थियो से आग्रह किया कि वे एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने तक सीमित न रहे बल्कि अपने लिए खुला आसमान रखें और ऊंची उड़ान भरे । कड़ी मेहनत और लगन से अपने सपनों को पूरा करें।

समारोह को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो. कर्नल उमेश कुमार मिश्रा भी ने भी संबोधित किया। कुलाधिपति डॉ. डब्ल्यू सेल्वामूर्ति ने विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर विश्विद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक के चौहान, अध्यक्ष डॉ. असीम के चौहान, कुलपति डॉ. पियूष कांत पाण्डे, फैकल्टी मेंम्बर्स, डीन, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं उनके परिजन भी उपस्थित थे।

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