छत्तीसगढ़

प्रदेश की नई औद्योगिक नीति कृषि व वनों पर होगी आधारित: उद्योग मंत्री देवांगन

रायपुर : इंडियन चैंम्बर ऑफ बिजनेस एंड कॉमर्स द्वारा वार्षिक ग्लोबल समिट का आयोजन गत दिवस शनिवार को नई दिल्ली के जनपद रोड स्थित डॉ अंबेडकर ऑडिटोरियम में किया गया। वार्षिक ग्लोबल समिट ग्रामीण इकोनामिक फोरम और भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य के वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन प्रतिनिधि मंडल के साथ उक्त कार्यक्रम में शामिल हुए।

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इस अवसर पर मंत्री देवांगन ने कहा कि देश के किसानों को यदि हम आत्मनिर्भर बनाएंगे तो निश्चित रूप से हमको कृषि पर आधारित उद्योगों पर फोकस करना होगा। छत्तीसगढ़ राज्य एक कृषि आधारित प्रदेश है इसीलिए इसे धान का कटोरा कहते है। छत्तीसगढ़ राज्य 44% वनों से पूर्ण है और निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए कृषि एवं वन की प्रमुखता से भागीदारी रहेगी।

मंत्री देवांगन ने कहा की छत्तीसगढ़ राज्य के नई औद्योगिक नीति में निश्चित रूप से कृषि उद्यानिकी एवं वनों पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नीति रखी जाएगी, जिससे प्रदेश के किसानों को और आदिवासी अंचल में रहने वाले लोगों कोे इसका सीधा लाभ मिल सके। इससे प्रदेश के कृषि उत्पादन का मूल्य संवर्धन मे वृद्धि हो सकेगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नारायण राणे मंत्री सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भारत सरकार भी शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि आने वाला समय डेवलपमेंट का समय है और इसे ध्यान में रखकर नीति बनानी होगी। इंडियन चैंम्बर ऑफ बिजनेस एंड कॉमर्स की यह पहल निश्चित रूप से अहम रोल अदा करेगी।

इस अवसर पर मंत्री लखन लाल देवांगन के साथ अन्य प्रतिनिधि कोरबा नगर निगम के पार्षद नरेंद्र देवांगन, के अलावा प्रफुल्ल तिवारी, नरेंद्र पाटनवार, महाप्रबंधक सीएसआईडीसी ओ.पी बंजारे भी उपस्थित रहे।

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