आरोपी ने नकली होलोग्राम की बात स्वीकार की , भूपेश बघेल जनता को शराब घोटाले पर जवाब दे: केदार गुप्ता
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कांग्रेस की पिछली भूपेश सरकार के कार्यकाल में हुए शराब घोटाले को लेकर ताजा खुलासे के मद्देनजर कांग्रेस के अष्ट कारनामों को लेकर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार ने शराब के गोरखधंधे को बढ़ावा देकर जितनी काली करतूतें की हैं, वह अब सामने आ रही हैं। गुप्ता ने कहा कि भूपेश सरकार न केवल शराब की कोचियागिरी कर रही थी, बल्कि नकली और अवैध शराब के जरिए एक तरफ जान-माल के साथ घिनौना खिलवाड़ तक कर रही थी तो दूसरी तरफ प्रदेश के सरकारी खजाने पर डाका डाल रही थी।
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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में उत्तरप्रदेश एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए अनवर ढेबर और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के निलंबित एमडी अरुणपति त्रिपाठी ने पूछताछ के दौरान जो खुलासे के किए हैं, उससे यह बात अब आईने की तरह साफ हो गई है कि प्रदेश का शराब घोटाला पिछली कांग्रेस सरकार की छत्रछाया में ही फल-फूल रहा था। गुप्ता ने कहा कि जाँच के दौरान इस मामले की कलई खुलने से सशंकित तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता अनर्गल प्रलाप कर जाँच एजेंसियों को केंद्र सरकार की एजेंट बताकर भ्रम फैलाते रहे, लेकिन अब जाँच के दौरान हुई पूछताछ में ढेबर और त्रिपाठी ने यह स्वीकार किया है कि इस घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी शराब निर्माता कम्पनियों थी जिनमें भाटिया वाइन एंड मर्चेंट प्रा. लि., छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज शामिल हैं। इन आरोपियों ने यह भी बताया कि नोएडा स्थित विधु गुप्ता की कम्पनी मे. प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रा. लि. को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था और उसी कंपनी से नकली होलोग्राम बनाकर उक्त शराब कंपनियों को भेजा जाता था, जहाँ अवैध शराब पर ये नकली होलोग्राम लगाए जाते थे। जिस कंपनी को होलोग्राम बनाने का टेंडर दिया गया था, उसमें भी प्रक्रिया का खुला उल्लंघन किया गया, जिसमें अरुणपति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास और तत्कालीन आईएएस अनिल टुटेजा की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि ढेबर-त्रिपाठी द्वारा किए गए खुलासे तो अभी इस पूरे घोटाले का ट्रेलर भर है, पूरी पिक्चर तो पर्दे पर अब आएगी। नित-नए चौंकाने वाले खुलासों की ऐसी खबरें तो अब लगातार आएंगी। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल, जो भ्रष्टाचार के तमाम खुलासों के मौकों पर भ्रष्टाचार के आरोपियों के वकील बनकर खड़े होते रहे हैं, शराब घोटाले को लेकर लगातार झूठ बोलकर प्रदेश को गुमराह करते रहे। गुप्ता ने इस पूरे मामले में भी बघेल की भूमिका को भी जाँच के दायरे में लाने की मांग करते हुए भूपेश बघेल पर सवाल दागा कि शराब घोटाले के लिए ढेबर परिवार को संरक्षण देने के एवज में वह कितनी कीमत वसूल रहे थे? प्रदेश सरकार की जानकारी में इतना बड़ा घोटाला फल-फूल रहा था और भूपेश इस मामले को लेकर अनभिजता का पाखंड रचते रहे। गुप्ता ने कहा कि इससे पहले कोयला घोटाले में भी भूपेश बघेल की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं और उस पूरे घोटाले के ‘पोलिटिकल मास्टर’ के तौर पर भूपेश बघेल का नाम हर जुबान पर है, तो अब बघेल प्रदेश को यह बताएँ कि क्या कोयला घोटाला की तरह ही शराब घोटाला के भी ‘पोलिटिकल मास्टर’ वह खुद ही थे?