छत्तीसगढ़

स्कूलों में शारीरिक शिक्षा को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा: बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर : “खेल ही जीवन, जीवन ही खेल” है। खेल हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं और जीवन को जीने का एक तरीका भी। खेलों के माध्यम से हम न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनते हैं। ऐसे में शारीरिक शिक्षा की भूमिका अहम हो जाती है।

यह भी पढ़े :- Krishak Unnati Yojana : मुख्यमंत्री साय ने किया कृषक उन्नति योजना का शुभारंभ

यह बात शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ महासम्मेलन में कही।
उन्होंने यह भी कहा कि, खेल हमें अनुशासन, एकाग्रता, टीम वर्क सीखाता है और जिस दिन पूरे देश के लोगों में टीम भावना आ जायेगी उस दिन भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

अग्रवाल ने यह भी कहा कि पहले छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासनकाल में खेल और शारीरिक शिक्षा के लिए काफी काम हुआ लेकिन कांग्रेस के समय खिलाड़ियों और शिक्षकों की उपेक्षा हुई। जिसका जवाब छत्तीसगढ़ की जनता ने दे दिया। आने वाले लोकसभा चुनाव में भी राज्य की जनता कांग्रेस को सबक सिखाएगी।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ ने मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा। जिसपर अग्रवाल ने कहा कि, भाजपा सरकार हमेशा से ही खेल और शारीरिक शिक्षा को महत्व देती है। आने वाले शिक्षा सत्र से स्कूल में पहला पीरियड योग, व्यायाम, नैतिक शिक्षा का और प्रत्येक शनिवार लास्ट पीरियड खेल कूद का रहेगा।
खिलाड़ी देश के एंबेसडर होते है, और उनको तैयार करने वाले शारीरिक शिक्षा के शिक्षक होते हैं और उनकी उचित मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि, शारीरिक शिक्षा शिक्षक को वरिष्ठता के आधार पर वेतनमान तो मिलता है लेकिन पदनाम परिवर्तन नहीं होता। सरकार उनको वरिष्ठता के आधार पर पदनाम दिलाने और स्कूलों में शारीरिक शिक्षा को वैकल्पिक विषय के लिए नई शिक्षा नीति में प्रावधान लाएगी। 

इस अवसर पर अति विशिष्ठ अतिथि मंत्री टंक राम वर्मा, सांसद सुनील सोनी, डॉ प्रकाश सिंह ठाकुर, सुशील मिश्रा, हरीश देवांगन, राकेश प्रधान, पीतांबर पटेल समेत हजारों की संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button