राजधानी में होगी राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता, देश के कई प्रतिभावान खिलाड़ी होंगे शामिल
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 24वें राष्ट्रीय वनवासी क्रीड आयोजन होने जा रहा है। 28 दिसंबर से 31 दिसंबर 2024 तक राजधानी में चलने वाली इस प्रतियोगिक राज्यों के 1000 से अधिक वनवासी खिलाड़ी भाग लेंगे, जो इस क्रीड़ा प्रतियोगिता को ऐतिहासिक म दिसंबर को सभी प्रतिभागियों का पंजीयन होना तय किया गया है। तीरंदाजी एवं फुटबॉल के खेल में इन खिलाड़ियों को देश के कोने-कोने से चयन कर इस प्रतियोगिता के लिए तैयार किया गया है। राज इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता के इस वर्ष का आयोजन अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से सम्बन समिति के छत्तीसगढ़ प्रान्त द्वारा किया जा रहा है।
स्वागत समिति के अध्यक्ष छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप एवं सचिव अमर बंसल हैं सदस्यों में प्रदेश के जाने-माने शिक्षाविद, चिकित्सक, चार्टेड एकाउंटेंट, खेल विशेषज्ञ, व्यवसायी स प्रतिष्ठित लोग शामिल हैं।
इस प्रतियोगिता की विशेष बात यह भी है कि इसमें देश के वनांचल क्षेत्रों के सैकड़ों ऐसे खिलाड़ी भ ट्रेन का सफर कर रायपुर जैसे शहर में पहुंचेंगे। उत्तर पूर्वी राज्यों के अंदरूनी क्षेत्रों से लेकर अंडमा खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेने आ रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली इस प्रतियोगिता में भारत खिलाड़ियों के साथ-साथ नेपाल के भी जनजातीय खिलाड़ियों को शामिल किया गया है, जो अपनी प्रतिभा को दिखाएंगे। प्रतियोगिता के विभिन्न आयोजनों को साइंस कॉलेज के मैदान, रजि मैदान एवं कोटा स्थित स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। 28 दिसंबर को होगा, वहीं 31 दिसंबर साइंस कॉलेज मैदान में इसका समापन समारोह होगा।
राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता के शुभारंभ से पूर्व राजधानी के जयस्तम्भ चौक से साइंस क खेल ज्योति रैली निकाली जाएगी, जिसमें सैकड़ों की संख्या में प्रतिभागी मौजूद रहेंगे। प्रतियोकि को एनआईटी मैदान में विभिन्न प्रान्तों से आए जनजातीय प्रतिभागियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम वहीं प्रतिभागियों के लिए मातृ हस्त भोजन होगा, जिसमें पूरे रायपुर महानगर के 500 से अधिक होगी।
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राजधानी में होने वाली इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में आयोजकों की ओर से केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री सुखड को भी आमंत्रित किया गया है। साथ ही समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी को भी आमंत्रित किया है। लक अतिरिक्त प्रदेश के मंत्रीगण, अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल एवं तीरंदाजी के खिलाड़ी भी आमंत्रित किए गए हैं।
गौरतलब है कि वनांचल क्षेत्र के जनजाति समाज की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए वर्ष 1988 में मुम्बई नगरी से इस प्रतियोगिता का आरंभ हुआ था, जो अपनी तरह का पहला राष्ट्रीय कार्यक्रम था। ‘तू मैं- एक रक्त की भावना के साथ नए कीर्तिमान स्थापित करने के उद्देश्य किए जा रहे इस राष्ट्रीय क्रीड़ा प्रतियोगिता की सफलता कुछ ऐसी रहीं है कि इसने देश को लिम्बाराम, कविता राउत, मनीष डामोर समेत अनेकों अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए है।