छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव : महाकाव्य रामायण के अरण्य-कांड पर होगा आधारित नृत्य नाटिका का विषय

छत्तीसगढ़ का भगवान राम, माता कौशल्या और महाकाव्य रामायण से है गहरा संबंध , राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी से राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की बढ़ेगी भव्यता और गरिमा

National Ramayana Festival : राष्ट्रीय रामायण महोत्सव 01 जून 03 जून तक रामलीला मैदान, रायगढ़, छत्तीसगढ़ में आयोजित होगा। यह एक प्रकार का प्रतियोगिता वाला कार्यक्रम होगा, इसलिए राज्यों से रामायण ‘झांकी प्रदर्शन‘ समूह के प्रतिनिधि मंडल को आमंत्रित किया गया है। नृत्यनाटिका का विषय महाकाव्य रामायण के अरण्यकाण्ड पर आधारित होगा।

यह भी पढ़े :- स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने अधिकारियों के साथ सिडनी यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लोबल हेल्थ का भ्रमण किया

छत्तीसगढ़ राज्य धार्मिक व सांस्कृतिक विरासतों से समृद्ध एक ऐसा प्रदेश है, जिसका श्रीराम, माता कौशल्या व उनके जीवन चरित्र पर आधारित महाकाव्य रामायण से बहुत गहरा संबंध है। छत्तीसगढ़ राज्य को श्रीराम की माता कौशल्या की जन्मभूमि होने का विशेष गौरव प्राप्त है। माता कौशल्या का जन्म तत्कालीन दक्षिण कोसल में हुआ था, जो वर्तमान छत्तीसगढ़ में है। माता कौशल्या को उनके उदार भाव, उनके ज्ञान व श्रीराम के प्रति उनके वात्सल्य भाव के लिये जाना जाता है, यही कारण है कि उन्हें मातृत्व भाव के प्रतीक के रूप में कई स्थानों पर पूजा जाता है, परंतु छत्तीसगढ़ राज्य एक मात्र ऐसा प्रदेश है जहां चन्द्रखुरी नामक स्थान पर माता कौशल्या को समर्पित मंदिर स्थापित है।

भगवान राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास के लगभग 10 वर्ष अधिकांशतः दण्डकारण्य में व्यतीत किये हैं एवं उक्त सभी स्थानों पर श्रीराम की उपस्थिति से संबंधित बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं। मध्य भारत में स्थित छत्तीसगढ़ प्रदेश के वनक्षेत्र के संदर्भ में ऐसी धारणा है कि श्रीराम ने अपने वनवास अवधि का एक महत्वपूर्ण भाग यहां व्यतीत किया था, इसलिए इस क्षेत्र में श्रीराम को समर्पित बहुत से मंदिर एवं पवित्र स्थल स्थित हैं । (National Ramayana Festival:)

यह भी पढ़े :- गौठान में स्थानीय लोगों को जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति करें मजबूत – कलेक्टर

यह क्षेत्र कई आदिवासी समुदायों का भी निवास स्थान माना जाता है, जिन्होंने सदियों से अपने पूर्वजों की परंपराओं व संस्कृति को सहेज कर रखा है। श्रीराम ने छत्तीसगढ़ की दो सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदियां शिवनाथ व महानदी के तट के निकट अपने वनवास का अधिकांश समय बिताया था।

छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित हो रहे राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के रामायण ‘झांकी प्रदर्शन समूह‘ को आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के अंतर्गत प्रतियोगी कार्यक्रम होंगे, जिसमें प्रस्तुत की जाने वाली नृत्य नाटिका का विषय महाकाव्य रामायण के अरण्य-कांड पर आधारित होगा। छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। (National Ramayana Festival)

Related Articles

Back to top button