छत्तीसगढ़

कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ी सौगात: 250 बेड वाले 3 आधुनिक वर्किंग वूमेंस हॉस्टल बनेंगे

केंद्र सरकार की विशेष सहायता से बनेगा हाॅस्टल

Working Women’s Hostel : राजधानी रायपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। शहर में बाहर से आकर नौकरी करने वाली महिलाओं को सुरक्षित और किफायती आवास देने के उद्देश्य से नगर निगम तीन वर्किंग वूमेंस हॉस्टल का निर्माण करने जा रहा है। इन हॉस्टल्स को बनाने में कुल 48 करोड़ रुपए की लागत आएगी और प्रत्येक हॉस्टल में 250-250 बेड की सुविधा उपलब्ध होगी। ये हॉस्टल्स हीरापुर बायपास, नरैया तालाब और लाभांडी रोड पर बनाए जाएंगे।

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नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा के अनुसार, केंद्र सरकार की स्पेशल असिस्टेंट स्कीम के तहत इन हॉस्टल्स के लिए लगभग 48 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल चुकी है। इस परियोजना को स्वीकृति मिलने के साथ ही राज्य सरकार को इसके लिए धनराशि भी जारी कर दी गई है। आयुक्त ने यह भी बताया कि इन हॉस्टल्स के निर्माण से रायपुर में कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास सस्ती दरों पर उपलब्ध होगा। Working Women’s Hostel

छत्तीसगढ़ में छह वर्किंग वूमेंस हॉस्टल के लिए 202 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, इसकी जानकारी नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने दी। उन्होंने बताया कि रायपुर के तीन हॉस्टल्स के अलावा, नवा रायपुर के सेक्टर-16, बिलासपुर और सिरगिट्टी में भी हॉस्टल्स बनाए जाएंगे, जिनके लिए फंड जारी किया जा चुका है।

यह हॉस्टल्स अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे। इनमें ग्राउंड फ्लोर के अलावा तीन मंजिलें होंगी और प्रत्येक हॉस्टल में 250 बेड की व्यवस्था की जाएगी। आयुक्त ने बताया कि सभी कमरों में डबल बेड होंगे, जिनमें एसी और अटैच टॉयलेट की सुविधा होगी। इसके अलावा, हॉस्टल परिसर में मेस की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि महिलाओं को भोजन के लिए बाहर न जाना पड़े। वहीं, खेलकूद और मनोरंजन के लिए भी विशेष इंतजाम किए जाएंगे।

निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने बताया कि इन हॉस्टल्स की प्लानिंग आवासीय इलाकों में की गई है ताकि महिलाओं को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इनका निर्माण कार्य नगर निगम द्वारा किया जाएगा, जबकि संचालन और रखरखाव पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर किया जाएगा।

राजधानी रायपुर में हजारों महिलाएं नौकरी कर रही हैं। जिला रोजगार अधिकारी केदार पटेल के अनुसार, सरकारी विभागों में करीब 10 हजार महिलाएं कार्यरत हैं, जबकि निजी क्षेत्र में यह संख्या इससे अधिक हो सकती है। वर्किंग वूमेंस हॉस्टल की परिकल्पना करते समय यह आंकड़े केंद्र सरकार को भेजे गए थे। Working Women’s Hostel

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