हैरान करने वाला है छत्तीसगढ़ का यह गणेश मंदिर, दुर्गम पहाड़ी पर 3 हजार फीट ऊपर विराजमान है एकदंत गणपति
Dholkal Ganesh : वैसे तो देश में कई गणेश मंदिर हैं, लेकिन हम आपको एक ऐसे गणेश मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि घने जंगल के बीच एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है। इस मंदिर में पूजा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जहां एक पहाड़ पर स्थित इस छोटे से मंदिर को देखा जा सकता है। इंस्टाग्राम पर एक उपयोगकर्ता ने इसका एक आश्चर्यजनक वीडियो साझा किया। जिसमें छत्तीसगढ़ में ढोलकल पहाड़ी के ऊपर स्थित एक गणेश मंदिर को दिखाया गया है। यूजर ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “लाइव गणेश आरती।”
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Dholkal Ganesh : एक हजार साल पुराना है यह मंदिर
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गणेश मंदिर समुद्र तल से 300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गणेश मंदिर 1,000 वर्ष पुराना बताया गया है। इस मंदिर से आप समृद्ध बैलाडीला पर्वत श्रृंखला के घने जंगल को आसानी से देख सकते हैं।
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कहां स्थापित है पहाड़ी पर श्रीगणेश की प्रतिमा
हम जिस जगह की बात कर रहे हैं वह छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बैलाडिला की ढोलकल पहाड़ी पर स्थित है। समुद्र तल से 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित है। गणेश जी की प्रतिमा ढोलक के आकार की बताई जाती है। यही वजह है कि इस पहाड़ी को ढोलकल पहाड़ी और ढोलकल गणपति के नाम से पुकारा जाता है।
Dholkal Ganesh : 11वीं शताब्दी की मानी जाती है प्रतिमा
मूर्ति को लेकर पुरातत्वविज्ञानियों का मानना है कि इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। यह प्रतिमा उस समय नाग वंश के दौरान बनाई गई थी। 6 फीट ऊंची 2.5 फीट चौड़ी ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित यह प्रतिमा वास्तुकला की दृष्टि से अत्यंत कलात्मक है। गणेशजी की इस प्रतिमा में ऊपरी दांये हाथ में फरसा, ऊपरी बांये हाथ में टूटा हुआ एक दंत, नीचे दांये हाथ में अभय मुद्रा में अक्षमाला धारण किए हुए तथा नीचे बांये हाथ में मोदक धारण किए हुए आयुध के रूप में विराजित है। हालांकि इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता कि इतनी ऊंचाई पर गणेशजी की प्रतिमा कैसे पहुंची?