दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए स्पेशल एजुकेटर नियुक्त करने पर होगा विचार
मुख्यमंत्री ने युवाओं से माँगे सुझाव, सुष्मिता दिवाकर ने रखा प्रस्ताव
रायपुर : सरकारी स्कूलों में दिव्यांग बच्चे (Education of Disabled Children) भी बड़ी संख्या में एडमिशन ले रहे हैं। इनकी जरूरतें भी विशेष होती हैं और इसके लिए इन्हें स्पेशल एजुकेटर से पढ़ाया जाए तो बच्चों के लिए काफी उपयोगी होगा ही, दिव्यांग युवाओं के लिए भी नौकरी के लिए नये अवसर पैदा होंगे। यह बात एक युवा सुष्मिता दिवाकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बिलासपुर में आयोजित संभाग स्तरीय भेंट मुलाकात कार्यक्रम में कही। सुष्मिता की बात की मुख्यमंत्री ने सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों (Education of Disabled Children) के लिए बहुत सी पहल शासन ने की है। शासकीय स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर नियुक्त करने का यह सुझाव अच्छा है। इस पर विचार करेंगे। सुष्मिता ने बताया कि जब हमें पता चला कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल युवाओं से बात करने बहतराई स्टेडियम पहुँचेंगे तो हमने निश्चय किया कि हम सब मुख्यमंत्री से मिलेंगे। हम लोगों को आशंका थी कि इतने लोगों के बीच में हमारी बात हो पाएगी की नहीं।
फिर भी सौभाग्य से हमें अवसर मिल गया और हमने इसका जिक्र किया। सुष्मिता ने बताया कि प्रदेश में दिव्यांग बच्चों की संख्या 77 हजार 249 है। यहां प्रशिक्षित विशेष शिक्षकों की संख्या 1200 है। दिव्यांग बच्चों की आवश्यकता स्पेशल एजुकेटर ज्यादा बेहतर समझते हैं। उनके द्वारा दिये गये सुझावों से बच्चों की पढ़ाई और बेहतर हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिव्यांग बच्चों के चिन्हांकन के लिए 21 प्रकार की दिव्यांगता चिन्हांकित की गई है और इसके अनुरूप दिव्यांग छात्र-छात्राओं का सर्वे किया गया है। Education of Disabled Children