छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री साय को बस्तर के ऐतिहासिक ‘गोंचा महापर्व’ का आमंत्रण : ‘तुपकी’ भेंट कर किया गया सम्मान

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज रात्रि उनके निवास परिसर में जगदलपुर विधायक किरण देव के नेतृत्व में गोंचा महापर्व आयोजन समिति के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित गोंचा महापर्व में सम्मिलित होने का न्यौता दिया। उन्होंने बताया कि छह सौ वर्षों से अधिक समय से निरंतर मनाया जा रहा यह पर्व बस्तर में सामाजिक समरसता और प्रेम का प्रतीक है।

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बस्तर दशहरा के बाद सबसे ज्यादा लंबे समय तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत चंदन यात्रा के साथ 11 जून से हो चुकी है। प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि पर्व के अंतर्गत 26 जून को नेत्रोत्सव पूजा तथा 27 जून को श्री गोंचा रथयात्रा का आयोजन होगा। 5 जुलाई को बाहुड़ा गोंचा रथयात्रा के साथ महापर्व का समापन होगा। इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री साय को बस्तर की परंपरा अनुसार ‘तुपकी’ भेंट कर सम्मानित किया।

उल्लेखनीय है कि गोंचा महापर्व में तुपकी चलाने की सदियों पुरानी परंपरा है। बस्तर के आदिवासी पोली बांस की नली से तुपकी तैयार करते हैं, जिसमें एक विशेष पौधे का फल डालकर बलपूर्वक दबाया जाता है, जिससे पटाखे जैसी आवाज उत्पन्न होती है। मुख्यमंत्री साय ने आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त करते हुए गोंचा महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

प्रतिनिधि मंडल में 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष वेदप्रकाश पाण्डे, गोंचा समिति अध्यक्ष चिंतामणि पाण्डे सहित हेमंत पाण्डे, रजनीश पाणिग्राही, नरेंद्र पाणिग्राही, सुदर्शन पाणिग्राही, पुरुषोत्तम जोशी, मुक्तेश्वर पांडे, बनमाली पाणिग्राही, दिनेश पाणिग्राही, दिलेश्वर पाण्डे, प्रशांत पाणिग्राही, देवशंकर पंडा, विजय पांडे, आत्माराम जोशी, देवकृष्ण पाणिग्राही, जयप्रकाश पाढ़ी, वैभव पाण्डे, चुम्मन पांडे, सोमप्रकाश जोशी, वेणुधर पाणिग्राही, प्रदीप पाढ़ी, सोमेश जोशी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

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