मुख्यमंत्री बघेल की बड़ी घोषणा, संविदा कर्मचारियों के वेतन में एकमुश्त 27 प्रतिशत की वृद्धि
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र (Chhattisgarh Assembly Monsoon Session) के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी घोषणा की है. उन्होंने राज्य के 5 लाख शासकीय कर्मचारियों की महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत वृद्धि के साथ संविदा कर्मचारियों की वेतन में एकमुश्त 27 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की है. इसके अलावा ग्रामीण आवास न्याय योजना आरंभ करने की घोषणा की है.
नियमित वेतनमान के समकक्ष निर्धारित संविदा वेतन पर विभिन्न विभागों में कार्यरत लगभग 37 हजार संविदा कर्मचारियों को देय एकमुश्त संविदा वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इससे प्रतिवर्ष लगभग 350 करोड़ का व्यय भार अनुमानित है.
न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के प्रावधान अंतर्गत श्रम विभाग द्वारा निर्धारित दैनिक/मासिक वेतन पर शासकीय विभागों में कार्य करने वाले अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल दर के कर्मचारियों को 4 हजार रुपए मासिक की श्रम सम्मान राशि दिया जाएगा.
स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को प्रतिमाह 2 हजार रुपए अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा. पटवारियों को प्रतिमाह 500 रूपये संसाधन भत्ता दिया जाएगा. शासकीय कर्मचारियों को छठवें वेतनमान के स्थान पर सातवें वेतनमान के आधार पर बी श्रेणी के शहरों के लिये 9 प्रतिशत एवं सी एवं अन्य श्रेणी के शहरों के लिये 6 प्रतिशत की दर से गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा. (Chhattisgarh Assembly Monsoon Session)
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15 वर्ष से कम सेवाकाल वाले पंचायत सचिवों के विशेष भत्ता में 2 हजार 500 रुपए एवं 15 वर्ष से अधिक सेवाकाल वाले पंचायत सचिवों के लिये 3 हजार रुपए विशेष भत्ता वृद्धि की गई है. इसके अतिरिक्त पंचायत सचिवों को अर्जित अवकाश, मातृत्व एवं पितृत्व अवकाश, 10 लाख तक की उपादान राशि एवं 5 लाख तक चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का भी लाभ दिया जाएगा.
पुलिस विभाग में कार्यरत आरक्षक संवर्ग के कर्मचारियों को दिये जाने वाले विभिन्न आयटम्स के एवज में कुल समतुल्य राशि से अधिक कुल 8 हजार रुपए वार्षिक किट भत्ता दिया जाएगा. मितानिन ट्रेनर, ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर एवं हेल्प डेस्क ऑपरेटरों की दैनिक प्रोत्साहन राशि में 100 रूपये प्रतिदिन की वृद्धि की गई है.
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत अधिकतम सहायता राशि की सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख किया जा रहा है.
सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की पात्रता निर्धारित होने से वर्तमान स्थिति में प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों को आवास स्वीकृति में कठिनाई हो रही है. इसे दूर करने के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किये गये सर्वे के आधार पर पर पात्र परिवारों के लिये राज्य के संसाधनों से ग्रामीण आवास न्याय योजना प्रारंभ की जा रही है. इसके लिये बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है. हमारी प्राथमिकता आवासहीन परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है. (Chhattisgarh Assembly Monsoon Session)