छत्तीसगढ़

ई-ऑफिस से डिजिटल सुशासन की ओर कदम

पोषण कुमार साहू, सहायक संचालक
महासमुंद : ई-ऑफिस से डिजिटल सुशासन की ओर कदमप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया क्रांति और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन एवं पारदर्शिता के संकल्प की दिशा में महासमुंद जिला प्रशासन तेजी से आगे बढ़ रहा है। शासन की प्राथमिकता के अनुरूप ई-ऑफिस प्रणाली अब जिले के लगभग सभी विभागों में गति पकड़ चुकी है।

परंपरागत कागज़ी फाइलों की जगह अब अधिकांश कार्य ऑनलाइन ई-ऑफिस माध्यम से किए जा रहे हैं। जिले में 1366 अधिकारी-कर्मचारियों का ई-ऑफिस के लिए ऑनबोर्डिंग कर लिया गया है। अभी तक कार्यालय द्वारा ई-ऑफिस पत्राचार के माध्यम से लगभग 2 हजार से अधिक फाइल मूवमेंट हुआ है।

कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में कलेक्ट्रेट कार्यालय का अधिकांश कामकाज अब ई-ऑफिस प्रणाली से संचालित हो रहा है। उन्होंने हाल ही में आयोजित विभागीय बैठकों में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी शासकीय पत्राचार, रूटीन फाइलें और वित्तीय स्वीकृतियाँ अब ई-ऑफिस पर ही तैयार और प्रेषित की जाएं। यहां तक कि छोटी-छोटी नोट शीट्स भी अब डिजिटल माध्यम पर ही दर्ज की जा रही हैं।

कलेक्टर ने कहा कि यह परिवर्तन केवल तकनीकी नहीं, बल्कि प्रशासनिक कार्य संस्कृति में सुधार का प्रतीक है। इससे न केवल फाइल मूवमेंट तेज़ होगा, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। ई-ऑफिस प्रणाली से अब फाइलों की ऑनलाइन ट्रैकिंग संभव हो गई है। इससे यह स्पष्ट रहेगा कि फाइल किस अधिकारी के पास लंबित है और कितने समय से।

कलेक्टर लंगेह का कहना है कि ई-ऑफिस शासन की पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था का आधार है अब अनावश्यक विलंब नहीं होगा और कार्य की समय-सीमा स्वतः तय होगी। कलेक्टर द्वारा प्रत्येक सप्ताह समय सीमा की बैठक में समीक्षा कर सभी विभागों से समरी रिपोर्ट ली जाती है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि अब तक कितनी फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से प्राप्त हुई हैं और किस विभाग में इसका अधिकतम क्रियान्वयन हुआ है।

ई-ऑफिस के सुचारु संचालन के लिए सभी अधिकारी और कर्मचारी फाइल निर्माण, नोटशीट लेखन और दस्तावेज़ अपलोडिंग की प्रक्रिया में दक्ष हो चुके हैं। यदि किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आती है तो तुरंत एनआईसी और तकनीकी टीम के सहयोग से उसका समाधान किया जा रहा है। अधिकारी-कर्मचारियों के लिए तीन बार प्रशिक्षण आयोजित किए जा चुके हैं।

शासन की मंशा है कि भविष्य में संपूर्ण पत्राचार केवल ई-ऑफिस माध्यम से किया जाए। यह कदम परंपरागत कार्यशैली से हटकर डिजिटल, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। इससे समय की बचत, कार्यों में तेजी और विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो रहा है। अब तक जिले के सभी विभागों के ई-ऑफिस आईडी बन चुके हैं और इनके माध्यम से निरंतर पत्राचार किया जा रहा है।

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