छत्तीसगढ़

क्लाइमेट चेंज विकराल होने से बचाने ग्रीन एनर्जी को बढ़ाना जरूरी, छत्तीसगढ़-रायपुर आईआईएम में चिंतन शिविर में सीएम साय और कैबिनेट हुई शामिल

रायपुर.

छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ किया। चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री साय सहित उप मुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगी हिस्सा ले रहे हैं। प्रथम सत्र को नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने संबोधित किया। अपने संबोधन में सुब्रमण्यम ने विकसित भारत की संकल्पना और इसे प्राप्त करने की रणनीति के संबंध में विस्तार से अपनी बातें  साझा की।

उन्होंने कहा कि बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ा है और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाने में सफल रहा है। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत 2047 बनाने का संकल्प लिया है और इसे पूरा करने की रणनीति बनाई गई है। सुब्रमण्यम ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्केल, स्पीड और इनोवेशन पर जोर देते हैं। बदलते अंतराष्ट्रीय परिदृश्य और समय को देखते हुए विकसित भारत का विजन तैयार किया गया है ताकि भारत अपनी विशिष्ट जगह बना सकें। उन्होंने कहा कि अब दुनिया की निगाहें ग्लोबल साउथ पर हैं। अब नजरिया पश्चिम से पूर्व की ओर देखने का है और भारत इन संभावनाओं को पूरा करने के लिए सक्षम है। भारत की जनांकिकी, भारत की रणनीतिक स्थिति और भारत में तेजी से हुए सुधारों से इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए भारत तैयार है। चाहे डिजिटल इकानामी हो, अथवा कर संबंधी सुधार हो। नवाचार को बढ़ावा देना हो, भारत इसमें अग्रणी रहा है और आने वाले समय में इन्हें तेजी से बढ़ाना है। विकसित भारत सबके लिए समृद्धि लेकर आये, इसके लिए कार्य करना है। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज जैसी समस्याओं को देखते हुए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देते हुए सतत विकास की दिशा में काम करना है। जब हम विजन लेकर चलते हैं तो स्वाभाविक रूप से हमें एक गाइड मैप मिल जाता है और इसके अनुरूप हम बढ़ते जाते हैं।  विकसित भारत का संकल्प पूरा करने में छत्तीसगढ़ की अहम भागीदारी होगी। छत्तीसगढ़ में विकसित राज्य बनने के लिए और तीव्र विकास के लिए असीम संभावनाएं हैं और इस दिशा में आगे बढ़कर छत्तीसगढ़ अपने विकास के साथ ही विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सभी मंत्रिगणों ने संवाद में भागीदारी करते हुए छत्तीसगढ़ में इस संबंध में बनाई जा रही नीतियों के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने सुब्रमण्यम के समक्ष अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं जिस पर विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए सार्थक परिचर्चा हुई।

बता दें कि दो दिवसीय इस चिंतन शिविर में छत्तीसगढ़ के विजन के लिए सार्थक विमर्श होना है। साथ ही संसाधनों के सतत उपयोग एवं योजनाओं के अभिसरण सहित विविध विषयों पर चर्चा होगी। चिंतन शिविर में कृषि मंत्री  रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा मौजूद रहे।

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