छत्तीसगढ़

बच्चों के जीवन और भविष्य का सुरक्षा कवच है टीकाकरण

टी बी, हेपटाइटिस, न्यूमोनिया सहित 12 गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण है जरूरी

रायपुर : शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। टीकाकरण नवजात शिशुओं के लिए सुरक्षा कवच (vaccination of infants) का काम करता है साथ ही बचपन में होने वाली कई जानलेवा बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावशाली तरीका है। उप संचालक एवं राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ व्ही. आर. भगत ने बताया कि टीकाकरण बच्चे के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाता है और उन्हें विभिन्न बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम अंतर्गत राज्य में 11 प्रकार के वैक्सीन लगाये जा रहे हैं जिनसे 12 प्रकार के गम्भीर एवं जानलेवा बीमारियों से बचाव होती है।

यह भी पढ़े :- विद्यार्थियों के अंदर अन्वेषण तथा शोध कार्यों को मिलेगा बढ़ावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर कार्यशाला में शिक्षा मंत्री हुए शामिल

    जन्म से लेकर 05 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा 10 एवं 16 वर्ष के किशोर-किशोरियों को लगाए जाने वाले ये सभी टीके सभी शासकीय अस्पतालों एवं टीकाकरण केंद्रों में निःशुल्क लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों का टीकाकरण किन्हीं कारणों से नहीं हो पाया हो, वे अपने मितानिन या फिर नजदीकी शासकीय अस्पताल से संपर्क कर टीकाकरण अवश्य कराएं। vaccination of infants

 प्रदेश में टीकों के सुरक्षित भंडारण हेतु प्रत्येक स्तर पर है कोल्ड चेन उपकरण

भंडारण का e–VIN पोर्टल के माध्यम से किया जाता है मॉनिटरिंग

    राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ  भगत ने बताया कि प्रदेश में वैक्सीन के सही रख-रखाव हेतु आवश्यक समस्त उपकरण उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से सभी टीकों की उपलब्धता एवं उनका रख-रखाव सुनिश्चित किया जाता है। राज्य में स्थित कोल्ड चेन सिस्टम में वैक्सीन के लिए आवश्यक तापमान बनाये रखने सतत् निगरानी की जाती है। जिसके तहत प्रति दिन हर हाल में दो बार कोल्ड चेन सिस्टम का तापमान रिकार्ड किया जाता है। कोल्ड चेन पॉइंट्स तक उपलब्ध प्रत्येक उपकरण में टेम्प्रेचर लॉगर लगा हुआ है जो उपकरण के निर्धारित तापमान से ऊपर या नीचे होने पर तुरंत सम्बंधित अधिकारी और कोल्ड चेन हैंडलर को SMS के माध्यम से सूचना दे देता है। जिससे किसी भी वैक्सीन को समय रहते खराब होने से बचाया जा सके। राज्य स्तर से लेकर सत्र स्थल तक प्रत्येक स्तर पर कोल्ड चेन मेंटेन किया जाता है एवं सतत् निगरानी की जाती है। कोल्ड चेन एवं वैक्सीन के रख-रखाव से सम्बंधित डाटा की e-VIN पोर्टल के माध्यम से भी मॉनिटरिंग की जाती है। कोल्ड चेन स्टोरेज में प्रतिदिन (छुट्टी के दिन में भी ) नियमित रूप से दिन में दो बार उपकरण के तापमान को संबंधित कोल्ड चेन हैंडलर द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है। इसके अलावा टेंपरेचर लॉगर द्वारा 24*7 तापमान की निगरानी होती है । विशेष परिस्थिति जैसे 8 घंटे से अधिक लाईट ना होने अथवा कोई तकनीकी खराबी होने की स्थिति में ही वैक्सीन को अन्य कोल्ड चेन पॉइंट्स में ट्रांसफर किये जाने की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रकार से किसी भी परिस्थिति में कोल्ड स्टोरेज का आवश्यक रख-रखाव किया जाता है जिससे उच्च गुणवत्तापूर्ण सभी टीकों की सही समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके ।

आवश्यक निश्चित तापमान में वैक्सीन ट्रांसपोर्ट हेतु कोल्ड बॉक्स का उपयोग
    वैक्सीन को राज्य वैक्सीन स्टोर से सभी जिलों तक आवश्यक निश्चित तापमान में रखकर ट्रांसपोर्ट करने हेतु कोल्ड बॉक्स का उपयोग किया जाता है। इसके लिए राज्य में पर्याप्त मात्रा में कोल्ड बॉक्स उपलब्ध है। वैक्सीन रखने के पहले आइस पैक रखकर कोल्ड बॉक्स के तापमान को 2 से 8 डिग्री के मध्य मेंटेन किया जाता है जिसके पश्चात् ही उसमे वैक्सीन रखा जाता है। जिन वैक्सीन स्टोर में बड़े उपकरण जैसे वाक-इन-फ्रीजर या वाक-इन-कूलर लगे हैं उनमें पावर बैक-अप के लिये जनरेटर लगाये गये हैं। vaccination of infants

Related Articles

Back to top button