कांकेर में आयोजित ‘नगरीय निकाय व पंचायती राज महासम्मेलन’ में शामिल होंगे मुख्यमंत्री बघेल
आदिवासी जनजीवन पर आधारित पुस्तिका-पुरखती कागजात और सामाजिक ताना-बाना का करेंगे विमोचन
रायपुर । मुख्यमंत्री बघेल 6 अक्टूबर को कांकेर में आयोजित ‘‘नगरीय निकाय एवं पंचायती राज महासम्मेलन’’ में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री समारोह में छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनजीवन पर आधारित पुस्तिका-पुरखती कागजात और सामाजिक ताना-बाना का विमोचन करेंगे। इस मौके पर बस्तर मुक्ति संग्राम नामक तैयार की जा रही डाक्यूमेंट्री सीरीज का लोकार्पण और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की अधिकृत वेबसाईट का शुभारंभ भी होगा।
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बस्तर संभाग के देवगुड़ी एवं मातागुड़ियों के जीर्णोंद्धार कार्य का देश में पहली बार पुरखती कागजात में लिपिबद्ध किया गया है। बस्तर में क्षेत्रवार आदिवासी समुदायों के देवी-देवताओं की वाचिक परम्परा में प्रचलित मान्यताओं को लेखबद्ध कर उन्हें जारी किये गये सामुदायिक वन अधिकार के प्रपत्रों को संकलित कर “पुरखती कागजात’’ नामक (भाग एक) पुस्तिका तैयार की गई है। “पुरखती कागजात’’ (भाग-दो ) में संरक्षित खसरों का संकलन है, जिसमें भुईया के माध्यम से खसरे के कैफियत कॉलम में मातागुडी, देवगुड़ी के नाम एवं रकबा उल्लेखित कर राजस्व अभिलेख संरक्षित किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांकेर में आयोजित ‘‘नगरीय निकाय एवं पंचायती राज महासम्मेलन’’ में इस पुस्तिका का विमोचन करेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा समारोह में आदिवासी समुदायों के परम्पराओं एवं मान्यताओं पर आधारित सामाजिक ताना-बाना पुस्तिका का विमोचन किया जाएगा। बस्तर संभाग में निवासरत प्रमुख आदिवासी समुदायों यथा- गोड, हल्बा, भतरा, धुरवा, मुण्डा, मुरिया, कोया समुदाय के लोगों के जीवन में प्रचलित सांस्कृतिक रीति-रिवाजों एवं विभिन्न प्रकार के जन्म-मृत्यु संस्कारों, त्यौहारों, विभिन्न परम्पराओं एवं मान्यताओं पर आधारित सामाजिक ताना-बाना नामक पुस्तिका बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित की जा रही है। इन पुस्तकों को संबंधित समाजों के प्रतिनिधियों द्वारा लिपिबद्ध किया गया है।
बस्तर का मुक्ति संग्राम नामक डॉक्यूमेंट्री सिरीज- बस्तर अंचल के महान वीर सपूतों एवं वीरांगनाओं की स्मृति को चिरस्थायी एवं जीवंत बनाए रखने के लिये वीर सपूतों एवं वीरांगनाओं की प्रतिमा की स्थापना हेतु 37 कार्य 392.03 लाख रूपए प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत किये गये हैं। बस्तर के ऐतिहासिक गौरवपूर्ण इतिहास में 1774-1910 तक हुए विभिन्न प्रकार के आदिवासी विद्रोह, हल्बा विद्रोह, भोपालपट्नम विद्रोह, परल कोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, मेरिया माड़िया विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मुरिया विद्रोह, भूमकाल विद्रोह आदि की तत्कालीन परिस्थितियों से आज की आने वाले पीढ़ियों को अवगत कराने एवं अपने गौरवपूर्ण इतिहास के प्रति आत्म गौरव जागृत कराने हेतु बस्तर का मुक्ति संग्राम नामक डॉक्यूमेंट्री सिरीज तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा समारोह में इसका लोकार्पण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री करेंगे बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की अधिकृत वेबसाइट का शुभारंभ- बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के कार्यों को और अधिक ग्रामीणों तक सुलभ बनाने के लिये बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का अधिकृत वेबसाइट www.tdabastar.cgstate.gov.in तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा समारोह में इसका भी शुभारंभ किया जाएगा।
गौरतलब है कि बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का गठन राज्य शासन द्वारा 27 फरवरी 2019 को किया गया था। इसके अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा सदस्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बनाया गया है। प्राधिकरण अन्तर्गत संभाग के बस्तर, कोण्डागांव, नारायणपुर, कांकेर, दन्तेवाड़ा, बीजापुर एवं सुकमा जिले समाहित हैं। इसका मुख्य उद्देश्य बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों की संस्कृति का परिरक्षण, संवर्धन एवं संरक्षण करना है, इस प्राधिकरण के अन्तर्गत क्षेत्र तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए अन्य कार्य स्वीकृत किये जा रहे हैं।